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गँवई से ग्लैमर तक: पवन सिंह की संघर्ष-उत्थान-विवाद यात्रा

Category: Entertainment

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भोजपुरी सिनेमा में जब भी लोकप्रियता, स्टारडम और गानों की धुनों से बने साम्राज्य की बात होती है तो सबसे पहले जो नाम जुबान पर आता है, वह है पवन सिंह। एक साधारण गाँव से निकलकर पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाने वाले पवन सिंह को लोग प्यार से “Power Star” कहते हैं। उनकी कहानी सिर्फ सफलता और प्रसिद्धि की नहीं, बल्कि संघर्ष, दर्द, विवाद और आलोचना से भी भरी हुई है।

यह लेख पवन सिंह के जीवन की उस यात्रा को सामने लाता है जिसमें उनके बचपन के संघर्ष, संगीत की ओर पहला कदम, लोकप्रियता का शिखर और उनके जीवन से जुड़े विवादों तक का सफर शामिल है।

बचपन और शुरुआती जीवन

पवन सिंह का जन्म 5 जनवरी 1986 को बिहार के आरा जिले के जोकहरी गाँव में हुआ था। साधारण परिवार में जन्मे पवन बचपन से ही संगीत के दीवाने थे। उनके चाचा अजीत सिंह खुद गायक थे और उन्होंने ही पवन को संगीत की शिक्षा दी। कहा जाता है कि जब पवन बहुत छोटे थे तब वह स्थानीय मेलों और कार्यक्रमों में गाना गाकर सबका ध्यान खींच लेते थे।

पवन की प्रारंभिक शिक्षा आरा के H.N.K हाई स्कूल में हुई और फिर महाराजा कॉलेज से आगे की पढ़ाई पूरी की। आर्थिक तंगी के बावजूद उनके परिवार ने उनके संगीत प्रेम को रोका नहीं। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि उन्हें बचपन में काफी संघर्ष करना पड़ा, कई बार हालात ऐसे बने कि गुज़ारा करने के लिए छोटे-मोटे काम करने पड़े।

करियर की शुरुआत

पवन सिंह ने सबसे पहले गायकी के ज़रिये अपना करियर शुरू किया। साल 1997 में उनका पहला एल्बम “ओढ़निया वाली” रिलीज़ हुआ। यह शुरुआत भले ही बड़ी सफलता न दिला सकी, लेकिन पवन के लिए यह सीखने और आगे बढ़ने का रास्ता बना।

2007 में उनकी पहली फिल्म “रंगली चुनरिया तोहरे नाम” रिलीज़ हुई। हालांकि, अभिनय में उन्हें तुरंत पहचान नहीं मिली। लेकिन उसी दौर में उनका एक गाना आया जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया।

“लॉलीपॉप लागेलू” और स्टारडम की शुरुआत

भोजपुरी सिनेमा के इतिहास में शायद ही कोई गाना ऐसा हो जिसने “लॉलीपॉप लागेलू” जैसी लोकप्रियता पाई हो। यह गाना सिर्फ बिहार या उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे भारत और विदेशों तक गूंजा। कॉलेज फेस्ट से लेकर डिस्को तक, हर जगह इस गाने ने पवन सिंह का नाम लोगों की ज़ुबान पर चढ़ा दिया।

इसके बाद पवन सिंह के गानों और फिल्मों की झड़ी लग गई। “कांच कसैली”, “चुनरिया साटन वाली”, “राते दिया बुटा के”, और कई हिट गानों ने उन्हें भोजपुरी इंडस्ट्री का सुपरस्टार बना दिया।

चरम सफलता और पहचान

धीरे-धीरे पवन सिंह ने गायक से अभिनेता बनने की ओर कदम बढ़ाए। उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट होने लगीं। पवन सिंह की मौजूदगी ही फिल्म की सफलता की गारंटी मानी जाने लगी। लोग उन्हें Power Star कहकर बुलाने लगे।

उनके स्टेज शो, कॉन्सर्ट और म्यूजिक एलबम्स की माँग इतनी ज़्यादा थी कि वे भोजपुरी इंडस्ट्री के सबसे महंगे कलाकारों में गिने जाने लगे।

निजी जीवन और चुनौतियाँ

पवन सिंह का निजी जीवन उतना आसान नहीं रहा जितना उनकी पेशेवर जिंदगी दिखती है।

पहली शादी और दुखद घटना

2014 में पवन सिंह ने नीलम सिंह से शादी की। लेकिन शादी के एक साल बाद ही, 2015 में नीलम ने आत्महत्या कर ली। यह घटना पवन सिंह की जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा थी।

दूसरी शादी

2018 में उन्होंने ज्योति सिंह से दूसरी शादी की। लेकिन यह रिश्ता भी विवादों और तनाव से घिर गया। ज्योति सिंह ने पवन पर मानसिक उत्पीड़न और घरेलू कलह के आरोप लगाए। इस मामले ने मीडिया में खूब सुर्खियाँ बटोरीं।

विवाद और आलोचनाएँ

पवन सिंह जितने लोकप्रिय हैं, उतने ही विवादों से भी उनका नाम जुड़ा है।

अंजलि राघव विवाद – एक इवेंट के दौरान पवन सिंह पर आरोप लगा कि उन्होंने अभिनेत्री अंजलि राघव को असहज कर दिया। इस घटना का वीडियो वायरल हुआ और आलोचना के बाद उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी माँगनी पड़ी।

धोखाधड़ी का केस – वाराणसी के एक होटल व्यवसायी ने उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने निवेश का पैसा लेकर वादा पूरा नहीं किया। इस मामले में कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

गानों के बोल पर सवाल – कई बार पवन सिंह के गानों को अश्लील और महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक करार दिया गया।

दूसरी पत्नी से विवाद – ज्योति सिंह ने उन पर मानसिक उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर आरोप लगाए।

रियलिटी शो छोड़ना – हाल ही में उन्होंने एक शो को बीच में छोड़ दिया, जिससे उनकी पेशेवर प्रतिबद्धताओं पर भी सवाल उठे।

आलोचना और समर्थन

पवन सिंह की लोकप्रियता विवादों से कभी बहुत ज़्यादा प्रभावित नहीं हुई। भोजपुरी भाषी क्षेत्रों में वे अब भी लाखों दिलों की धड़कन हैं। उनके गानों पर लोग थिरकते हैं, उनकी फिल्मों का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं।

हालाँकि, आलोचक मानते हैं कि पवन सिंह को अपनी छवि को सुधारने और अपने गानों की भाषा पर ध्यान देने की ज़रूरत है। वहीं उनके समर्थक कहते हैं कि मीडिया अक्सर विवादों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती है और कलाकारों को कठघरे में खड़ा कर देती है।

वर्तमान और भविष्य

आज पवन सिंह भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े सितारों में गिने जाते हैं। उनके पास शोहरत, दौलत और नाम सब कुछ है। लेकिन साथ ही उन्हें यह भी समझना होगा कि लोकप्रियता के साथ-साथ ज़िम्मेदारियाँ भी बढ़ती हैं।

भविष्य में यदि पवन सिंह विवादों से दूर रहकर सिर्फ अपने काम पर ध्यान दें, तो वे न सिर्फ भोजपुरी बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी और बड़ी पहचान बना सकते हैं।

निष्कर्ष

पवन सिंह की कहानी एक ऐसे कलाकार की है जिसने छोटे से गाँव से निकलकर पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन किया। संघर्ष, मेहनत और लगन से उन्होंने यह मुकाम पाया, लेकिन उनकी यात्रा विवादों और कठिनाइयों से भी अछूती नहीं रही।

उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि –

मेहनत और जुनून से सपने पूरे किए जा सकते हैं।

सफलता के साथ-साथ जिम्मेदारियाँ भी बढ़ती हैं।

निजी जीवन और सार्वजनिक छवि, दोनों को संतुलित रखना ज़रूरी है।

पवन सिंह की जिंदगी का हर पहलू हमें यह याद दिलाता है कि स्टारडम आसान नहीं होता, इसके पीछे कई त्याग, संघर्ष और विवाद छिपे होते हैं।

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